White जाने क्या है उसमें, जो मुझे उस ओर खींच रहा है, मंजिल कहाँ है पता नहीं, फिर भी क्यूँ मैं उस तरफ बढ़ रहा हूं, ना मुझे कुछ मालूम है, ना उसे कुछ खबर, पर अर्से बाद मुझमें कुछ, नया पनप रहा है, मेरी धूल खाती डायरी, और खत्म होती स्याही का पेन , जाने क्या कुछ लिखने को, फिर से मचल रहा है, मुझे नहीं मालूम कि क्या है ये, क्या सही है क्या गलत है, और ना ही मुझे अब कुछ समझना है, पर उससे बात करना, जानें क्यूं इक जरुरत सा लगता है, मैं खुश हूं,कब तक रहूंगा, मैंने उस ख़ुदा पर छोड़ दिया है ©parijat #Road#kuch#ankahe#khwab#ek#manjil