तुझ से अब दुर रहा नहि जाता सदियो से तेरा इन्तजार जो किया हर एक दिन हर एक रात तेरा हि तो नाम लिया अब कब आएंगे मेरे "काशि विश्वनाथ" बस इसि आस पे जिता रहा ©Yudi Shah तुझ से अब दुर रहा नहि जाता सदियो से तेरा इन्तजार जो किया हर एक दिन हर एक रात बस तेरा हि तो नाम लिया अब कब आएंगे मेरे