मेरा दिल जला गर तो आँच तुम्हें भी झुलसायेगी, उड़-उड़कर यादों की ख़ाक यूँ तुम्हें भी सतायेगी। यूँ कब तक रखोगे बंद तुम भी ये दरीचे-दरवाज़े, आते-जाते हवा ही सारा हाल तुम्हें भी सुनायेगी। लफ़्ज़ों से ज़्यादा यूँ भी सताती हैं ये ख़ामोशियाँ, इन वीरानियों की ज़बाँ, ये तुम्हें भी समझायेंगी। मर्ज़ दिया है, तो करोगे तुम्हीं उसकी दवा-दुआ, इस दर्द की आह रह-रह के तुम्हें भी तड़पायेगी। कोई कितना भी करे दफ़्न 'धुन', भुलायेगा नहीं, ज़र्रे-ज़र्रे में गूँजती वो आवाज़ तुम्हें भी रुलायेगी। Rest Zone आज का शब्द- 'दफ़्न' #rzmph #rzmph151 #दफ़्न #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #rzhindi