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तेरे आँसू को, अपनी श़ायरी का अल्फ़ाज़ बना सकता हूँ

तेरे आँसू को,
अपनी श़ायरी का अल्फ़ाज़ बना सकता हूँ।

तेरे क़रीब आ कर, तुझे सीने से लगाकर
तेरा दर्द मिटा सकता हूँ।

श़ायद तू महरूम है मेरी शख़्सियत से,
तेरे यादों के सहारे ही तुझे अपना बना सकता हूँ।। #YOU_are_NOT_my_PAIN...
तेरे आँसू को,
अपनी श़ायरी का अल्फ़ाज़ बना सकता हूँ।

तेरे क़रीब आ कर, तुझे सीने से लगाकर
तेरा दर्द मिटा सकता हूँ।

श़ायद तू महरूम है मेरी शख़्सियत से,
तेरे यादों के सहारे ही तुझे अपना बना सकता हूँ।। #YOU_are_NOT_my_PAIN...