मेरी चाहतों, इबादतों में बस इक वहीं चेहरा है, करीब न होते हुए भी इस दिल को प्यार उनसे गहरा है। खुश रहे आबाद रहे वो हमेशा, हमारा क्या , यहां तो हरदम दर्द और तन्हाई का पहरा है। ©Ritu shrivastava #इबादत✍