कच्चे घरों में थे पक्के एहसास, एहसास थे वे बहुत ही खास... खास जिसमें अपने थे पास, पास रहकर मजबूत बनते जज्बात़.. जज़्बात समझते थे ,दिल की बात, बात होती थी ,सबमें कुछ खास.. खास अब जीवन में कुछ रहा नहीं, नहीं मिलते वे रिश्ते,न ही वो लगाव.. #cinemagraph #ssg_tailheadedpoems #रिश्ते_की_अहमियत #अपनेमनकी #योरकोटऔरमैं #तूलिका