आया ये सावन है आया, हरियाली की शाल लेके फिर नए से है ये आया, मिट्टी की इस गंध में सुगंध ये भक्ती का घुम रहा, हरी दर्शन को पांव ये चल रहा । मन में श्रद्धा और आंखों में आस , लगा है मोह आज पंढरी ( पंढरपुर ) का खास । Hindi version of my Marathi poem 😊 YourQuote Taai #yqmarathi #yqtranslations #yqhindi #दर्शन१५sv #हरी #quotesofnikesh For silver mist