कितना चाहूँ तुझे ,कैसे चाहूँ तुझे अब तो मैं थकने लगीं हूँ, बहुत उम्मीद थी कि तू मिल जाएगी अब मुझे लेकिन, अब तेरे पास आने से भी डरने लगी हूँ।। ना जाने क्या ख़ता हुई हैं मुझसे एक बार बता देती तो सही, सुधार लेती उन सारी गलतियों को, लेक़िन सज़ा से तंग आके , अब तेरी सज़ा से ही डरने लगी हूँ।। #मंजिल