जीवन के बहुत महत्पूर्ण तत्व हैं "सुख औऱ दुःख" जीवन का सार विद्यमान है इन दो शब्दों मे पर कुछ लोगों के लिये इनके मायने बहुत तुच्छ होते हैं जैसे एक औरत भरे पूरे संयुक्त परिवार में रहकर सबके लिए रोटी बनाए तो दुःख औऱ अलग रहकर सिर्फ अपने पति के लिये रोटी बनाये तो सुख और एक आदमी अपने आश्रित माँ बाप की ज़िम्मेदारी निभाए तो दुःख और सिर्फ पत्नी के लिए कमाए तो सुख ©viraj #sukhaurdukh