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कभी मिलते है एक रोज अकेले शाम की तरह मैं चाहूंगी त

कभी मिलते है एक रोज
अकेले शाम की तरह
मैं चाहूंगी तुम्हे रोज उस
चमकते चांद की तरह.!!

इश्क के नशे से अच्छा मुझे
शराब का नशा लगता है
यह शाम का नजारा मेरे
महबूब बड़ा ही प्यारा लगता है..!

©Uttam Kumar
  #tereliye #एक_शाम