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मैंने याद किया और वह ख्वाबों में आया रहा रात भर एक

मैंने याद किया और वह ख्वाबों में आया रहा
रात भर एक चांद का साया रहा
मैंने उसकी आंखों के मैं खाने के चांद घूंट
उसके होठों से पी लिये 
बनकर सुरूर बेखुदी का वह मुझ पर छाया रहा
रात भर एक चांद का साया रहा

©Gaurav Naahar
  #शायरी #Naahar