सुरूर हद से गुजरता है तो कागज पर उतार देता हूं तेरे खयालों से रूबरू होकर सारा दिन गुजार देता हूं तू ना जाने क्या समझकर नरअंदाज कर देती है मुझको मै तो आज भी तस्वीर में तेरी जुल्फें संवार देता हूं, _subhash- bawra_ishq #बावरा_इश्क़