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कभी इश्क में ठुकराए गए, कभी दोस्ती में चोट खाये है

कभी इश्क में ठुकराए गए,
कभी दोस्ती में चोट खाये है ।
कभी अकेले में भी रो दिये,
कभी महफ़िलो में हंस के गम छुपाये है।
जिंदगी के इन् पन्नो को हां हमने,
कई बार दोहराये है।
हर बार बेकसूर दिल ने
चाहने वालो से जख्म खाये है।
#Dev जख्म
कभी इश्क में ठुकराए गए,
कभी दोस्ती में चोट खाये है ।
कभी अकेले में भी रो दिये,
कभी महफ़िलो में हंस के गम छुपाये है।
जिंदगी के इन् पन्नो को हां हमने,
कई बार दोहराये है।
हर बार बेकसूर दिल ने
चाहने वालो से जख्म खाये है।
#Dev जख्म