दीप माला से घर सजे हैं,हर घर खुशियां छाई हैं हर्ष मन से स्वागत करो,धन-लक्ष्मी घर आयी हैं दुःख दरिद्रता को दूर कर,सुखों का पैगाम लायी हैं मुस्कुराती,खिलखिलाती,फिर से दिवाली आयी हैं। आशीष लेकर अपनों से, हर शख्सियत मुस्कुराई है मृदुल- पावन इस त्यौहार से,घर घर रौनक आई हैं पीयूष बरसे हर आँगन,ये मनोकामना संग लायी है मुस्कुराती,खिलखिलाती,फिर से दिवाली आयी हैं। घर घर दीप जलाकर देखो,उमंग हृदय में भर आयी हैं घर आँगन में रंगोली देखो,बना कर बहन इतराई है मिठाई,पेठा और पान, देख जुबान ललचायी हैं मुस्कुराती,खिलखिलाती,फिर से दिवाली आयी हैं। कहीं पायल की रूनझुन हैं,कही दिव्य घटा छायी हैं मीत तल से शीर्ष का संदेश ,सुबह की किरण लायी हैं पद्मा,एकदंत के हाथों से,हरीश ने तक़दीर लिखाईं है मुस्कुराती,खिलखिलाती,फिर से दिवाली आयी हैं। #Diwali #poet #nojoto #nojotohindi