बेशक सुबह को दिन, तुम दिन को शाम कर देना.. औरों से बचा लो वक़्त तो मेरे नाम कर देना..।। मेरे जीते-जी तो तुम मुखातिब नहीं हुए मुझ से लेकिन.. मरने के बाद मेरी संग-ए-लेहेद दिखे तो सलाम कर देना..।। तुग़्लाबादी✒ बेशक सुबह को दिन, तुम दिन को शाम कर देना.. औरों से बचा लो वक़्त तो मेरे नाम कर देना..।। मेरे जीते-जी तो तुम मुखातिब नहीं हुए मुझ से लेकिन.. मरने के बाद मेरी संग-ए-लेहेद दिखे तो सलाम कर देना..।। तुग़्लाबादी✒ #Shayari #Gazal #Pain #Dard #Tughlabadi @Tughlabadi #Quote #RIP