न जाने कितनों की उम्मीदों का सिला है ये चांद वरना ख़ाली आसमान का इतना कोई नसीब न था तन्हा हर रूह से अकेले में जा मिला है ये चांद उसके सिवा धड़कन के इतना कोई करीब न था मुफलिसी मेरी किस्मत गुरबत की बरकत है ये चांद मेरी आंखों में देख ले दिल! इतना कोई गरीब न था दिल ले गया बस एक शबनमी नज़र में ये चांद सच तो है उससे बड़ा दिल का कोई रकीब न था #toyou #yqmoon #yqeyes #yqlove #yqlife #yqwaves