गुरवत, तन्हाई बेसबब बे हिसाब मिली जब मैं बढ़ गया आगे, तो कुदरत को नई चाल मिली वर्षो झूलसते रहे जिस आग मे फिर वो मिली, तो वक़्त के बाद मिली.... by...✍Ashraफ #फिसलता वक़्त