" इस मिट्टी में खुशबू जान सी जान सी बसी , इसमें निवछावर होना हमारा अरमां सी बसी , लिए हसरतों की आंधी रचा बसा है हर दिल में , क्यों ना कोई भी मजहब हो हमारा दिल से है हिन्दूस्तानी ." --- रबिन्द्र राम Pic : Google " इस मिट्टी में खुशबू जान सी जान सी बसी , इसमें निवछावर होना हमारा अरमां सी बसी , लिए हसरतों की आंधी रचा बसा है हर दिल में , क्यों ना कोई भी मजहब हो हमारा दिल से है हिन्दूस्तानी ." --- रबिन्द्र राम