किसान है साहब.. दो जून की रोटी खा कर , पेट हम सब का भर सके, उसे अमावस्या या पूर्णिमा से वास्ता नहीं होता। #किसान_की_व्यथा #अमावस्या #पूर्णमासी #योरकोटजिंदगी #तूलिका