#सांसो_की_माला_पे_सिमरूं_मैं_पि_का नाम अपने मन की मैं जानु और पि के मन की राम दीन धरम सब छोड़ के मैं तो पि की धुन में खोयी जित जाऊं गुण पि के गाऊं नाहि दूजा काम प्रेम पियाला जबसे पिया है जी का है ये हाल चिंगारों पे नींद आ जाए कांटो पे आराम