बेटी बेटिया माँ बाप के लिए किया किया करती है रो कर विदा होती हैं, हंस कर आती हैं कही लगे ना माँ बाप को किसी बात की भनक इसलिए बेटिया बहुत कुछ हंस कर सह जाती है आँखों में आँसू लेकर लौटा नहीं करती है बेटिया जमाने को लगने लगा है बहुत खुश हैं बेटिया इक अलग परिवेश में ढल कर मुस्कूराया करती है बेटिया तान सास ससुर के सुन कर कभी दहेज में डूब कर मारी जाती हैं बेटिया दो हाथों की मेंहदी हल्दी की उबटन में बाप का घर तक छोड़ जाती हैं अक्सर बेटिया Writer sanjay #beti #sanjaychampapur #मेरीडायकीकेकुछपन्ने #love #champapur