देख राम।... देख राम, तेरे उसूल नंगे है।... रंडियोंके बाजार में, तेरे नाम से दंगे है।... गोबर बचाने , आया गोबर, उस भड़वे की, भड़वेगीरी में वो चंगे है।... रंडियोंके बाजार में, तेरे नाम से दंगे है।.... आसाराम ने निव डाली, राम रहीम की पोल खोली, ना जाने और कितनोंके, लंगोट दीवार पर टंगे है।... रांडियोंके बाजार में, तेरे नाम से दंगे है।... कविराज हे राम....