आप बस तमाशा देखों कैसे पढ़े लिखें लुटेरे बेगुनाह अनपढ़ को मुजरिम बनाते हैं कैसे कोई गोदान लिखे अब देहाती दूध नहीं शहरी साहब सीधे गाय चुराते हैं ना खरीदी ना बेची हमनें ना उठाया हैं कर्जा बाजार भरा दलाल फ़ायदा उठाते हैं जिसकी लाठी उसकी भैस का जमाना आया हैं मुंशी जी जरा बचकर रहना अब लोग पढ़ते नहीं "गोदान" "दीप" जैसा अनपढ़ देहाती देखकर चुराई गाय को अपना बताते हैं ©Deep Bawara #आत्महत्या_प्रवर्तक_yourquote_मुर्दाबाद #कविता #nojotoapp #mukhota