डरावनी प्रेमिका (read in caption) सनी और उसके दोस्त रात को बहुत पिकर नशे में डूबे हुए थे | वो सारे केे सारे सनी केे घर उसके जन्मदिन की पार्टी कर रहे थे | उनके आगे सारी दुनिया गोल-गोल घूम रही थी | वो अमावस्या की घनघोर काली रात थी | और मौसम भी कुछ ठीक नहीं था | बिजली भी आ-जा रही थी | तब अचानक से दरवाज़ा खटखटाने की आवाज़ आई | तो उन्होंने दरवाज़ा खोला तो बहार काली बिल्ली थी ये सबकुछ देखकर वो ड़र गए | वो बिल्ली ने अंदर दौड़ लगाई और घर में सबकुछ उथल-पुथल मचा दिया | फिर सभी ने मिलकर उसे भगाया | उसके जाते ही घर केे सारे खिड़की दरवाजे बजने लगे | और फिर से डोरबेल बजाने की आवाज़ आई पर उन्होंने ड़र के मारे खोला नहीं | फिर ज़ोर से दरवाज़ा खटखटाने की और डोरबेल की दोनों आवाज़ एक साथ आने लगी ,सारे केे सारे ड़रे हुए थे इसीलिए उनके पास दरवाज़ा खोलने की हिम्मत नहीं थी तो सबने तय किया की वो एक साथ दरवाज़ा खोलेंगे | जब उन्होंने दरवाजे में लगे काच से देखा तो उन्हें पता चला कि बाहर कोई काली साड़ी में हाथ में से फूलों का गुलदस्ता लिये औरत खड़ी थी | वो सब ये देखके इतने ड़र गये कि उनके हाथों से शराब की बोतल गिर गई | पर वो कहते हैं ना थोड़ा सा पी लेने केे बाद कोई भी मनुष्य ख़ुद को ही सर्वोपरि समझने लगता हैं बस इसी तरह सनी और उसके दोस्त ख़ुद को भगवान समझने लगे थे | उन्होंने कहाँ कोई आत्मा,भूत,चुड़ैल हमें ड़रा नहीं सकते | सभी ने घर में से वजनदार चीजें उठाई और दरवाज़ा खोलकर उस काली साड़ी वाली पर उनसे वार कीया | और ड़र के मारे भागकर पलंग के नीचे सो गए |