प्रदोष-व्यापिनी फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन प्रदोष काल में होलिका-दहन किया जाता है। इसमें भद्रा वर्जित है। इस वर्ष विक्रम संवत 2076 में फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा 20 मार्च बुधवार को सुबह 10 बजकर 44 मिनट से आरंभ होकर अगले दिन 21 मार्च बृहस्पतिवार को प्रातः 7 बजकर 12 मिनट तक विद्यमान रहेगी। प्रदोष व्यापिनी निशामुखी पूर्णिमा 20 मार्च बुधवार को है। अतः होलिका दहन 20 मार्च को ही सर्वमान्य रहेगा। यहां जली थी होलिका, इस स्थान पर प्रगट हुए थे भगवान नृसिंह ध्यान रहे होलिका दहन वाले दिन भद्रा भी सुबह 11 बजे से रात्रि 8 बजकर 50 मिनट तक रहेगी। इसलिए रात्रि 9 बजे से 10 बजे तक भद्रा मुक्त काल में होलिका दहन समग्र राष्ट्र तथा समाज के लिए कल्याणकारी सिद्ध होगा। 21 मार्च बृहस्पतिवार सन 2019 ई॰ को प्रातः 7 बजकर 12 मिनट तक उदयकाल में पूर्णिमा होने के कारण चैतन्य महाप्रभु जयंती, दारूणरात्रि हुताशनी, अष्टाह्निक जैन व्रत समापन, होलाष्टक समाप्त, होलिका धूली धारण, धुलैण्डी, होलामहोत्सव परंपरानुसार हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। #NojotoQuote Happy HOLI