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चराग जलते हीं आ जाते हैं परवाने जलनें को बुझते दिए

चराग जलते हीं आ जाते हैं परवाने जलनें को
बुझते दिए को किसने निहारा है आंख भर कभी

©Savita Suman
  #परवाने