एक किताब हु मै अपनी ही ज़िन्दगी की पन्ने है सारे भरे मेरे दिल के अल्फ़ाज़ है इसमें रखे खोला इसको सिर्फ तेरे सामने सोचा तू पढ़ लेंगी मुझे बोहोत ही सरलता से और तूने सायद पढ़ भी लिया मुझे मगर सोचा ना था एक दिन फेंक देंगी तू मेरी इस किताब को साथ में मेरे दिल के जस्बातो को भी एक कचरे के डिब्बे में #ek_kitab_or_kachare_ka_dibba WRITER BY RAJAL THAKKAR 😍🥰😘😗😇☺😊😇😇😇🙂😇😇😇😇