"तुम्हें चाहते चाहते यह कहाँ आ गए हम एक आशिक़ से तेरे दीवाने हो गए हम बंधा कुछ समा ऐसा की मदहोश हो गए हम तेरे सरूर में एक शायर से आतिश बन गए हम कहता हैं वक्त रुक जा ज़रा कहाँ खो गए तुम तेरी यादों की दास्तान में सिमट से गए हम कोरे कागज़ सी है ज़िन्दगी क्या बताएँ तुम्हे तेरे इश्क़ की लपटों में फना हो गए हम तुम्हें चाहते चाहते यह कहाँ आ गए हम एक शायर से आतिश कैसे बन गए हम जलती थी शमा हर शाम तेरे इंतेज़ार में वक़्त के इन अंगारों में राख हो गए हम तुम्हें चाहते चाहते यह कहाँ आ गए हम पहले शायर थे अब आतिश बन गए हम.." #aatish