ना कुछ पाने की आशा थी... ना कुछ खोने का डर... बस अपनी ही धुन में रहते थे मस्त.... कहा खो गया वो वक्त.... जिस वक्त मे था हमारा बचपन... काश लौट आए वो वक्त फिर से... जिसमे जी ले एक बार फिर से बचपन... ©Sneha Goswami #बचपन_की_यादें #बचपन_की_यारी