हजारो मीले होंगे दिल लगाने वाले ,में तुमसे रूह लगाना चाहता हुं तुम्हे पाने की जिद है आखिरी तक, जिंदगी को इसी जिद में बिताना चाहता हु तेरी खामोशियो का शोर सुनाकर, मेरी आवारगी को चुप कराना चाहता हूं तुम्हे छोड़ा किसी ने गर डुबाकर, किनारे तक तुम्हे में साथ लाना चाहता हुं नही खुदगर्ज में पर बस जरा सा मतलबी हूं, में अपनी बिखरी दुनिया फिर बसाना चाहता हूं तंग आ चुका हूं हाथों की लकीरों से अपनी, में तुमको ही मुकद्दर अब बनाना चाहता हु बस तुम एक बार ही, सही मेरा खयाल करना में तुमसे मिल के खुद से बिछड़ जाना चाहता हूं असर ©Abhay Singh #chahtahu