रोज एक गम लिख लेता हूं मैं अपनी किताब में यारो मेरी गमों की फेहरिस्त बहुत लंबी है कई को लिख कर मिटा दिया कइयों को मिटा कर लिख रहा हूं बस हर सुबह ही मै जी रहा हूं, हर शाम तो मैं मर रहा हूं।। फेहरिस्त इसलिए भी लंबी हो रही क्योंकि शिकायत नहीं, मैं सीख रहा हूं जिंदगी बस काट रहा हूं क्या पता कब किसी अगले मोड़ पर थम जाए हमारी सांसें अब बस मैं उसी मोड़ का इंतजार कर रहा हूं। ©'प्रीत' और 'चांद' #mai_aur_tum #kuchhbheegealfaaz #love❤ #selfhate