ये जुल्फें ये आँखें ये होठों की लाली ! खुदा नें है बख्शा या तूने चुरा ली!! दहकता ये जौवन ..ये झूमे बदन है ! ना दिल में तपन है ना माथे शिकन है !! सागर मे खिलता गुलाबी कमल ज्यों ; चहरे पे रौनक वो दीवानापन है !! ये नाक की नथनी ये कानों की बाली ! खुदा नें है बख्शा या तू नें चुरा ली !! सांसों से तेरी ये महका चमन है ! नजाकत निगाहों में एक आवरण है ! सितारे ये पूछें जमीं में उतर कर ; परी है या कोई कली गुलबदन है !! ये आहें ये सांसें ये बातें निराली ! खुदा नें है बख्शा या तूने चुरा ली।। गीत