सांझ उम्मीद से है समझा करो इस पर दुनियादारी का बोझ नहीं डाला करते नज़र दहलीज़ पे है जानते तो हो कारोबार की तर्ज़ पे रिश्ते नहीं संभाला करते नज़र में पल को चांद ठहरो तो ललक जी की यों नहीं बुझा डाला करते #toyou #yqwork #yqhome #yqlove #yqdialogue #yqevening