उधर गो-भक्त कहता देश ,इधर ये लाखों गाय कट गई ,उधर करती वैतरणी पार इधर ये हाय छुरी से छटें ।। अभी तो यहां बहुत से कंस मचाते नित अत्यचार । नष्ट होता प्यारा गो-वंस बढ़ा जाता पृथ्वी का भार ©kavi aditya shukla #love_note #colours