चलो फिर एक बार कलम उठाता है और अपनी जिंदगी की चंद घटनाओं से कुछ किस्से कुछ कहानियां इस जहां को सुनाते हैं | चलो फिर एक बार और कलम उठाते हैं , और लिए घूम रहे हो जो तुम टूटे दिल , टूटे दिलों की धड़कन हो को कलम से मिलाते हैं | चलो फिर एक बार और कल उठाते है, और जो लड़ रहे हैं जाति के आधार पर उनको मानवता सिखाते हैं | चलो फिर एक बार और कलम उठाते हैं, और उस काले सहा अंधेरे में बैठी हुई युवती की दर्द भरी घटनाओं पर आवाज उठाते हैं | चलो फिर एक बार और कलम उठाते हैं और अपने दिल में छुपे हुए दर्द को हुबहू कागज पर उतारते हैं | चलो बस एक अंतिम बार कलम उठाते हैं और धरती मां को स्वर्ग बनाते हैं | एक बार #कलम #उठाते Soulful Words Lakshmi singh Soumya Jain