ना देखी है कोई उसकी बेबसी और लाचारी! ना मिटा पाया उसकी भूख!! जिस वजह से उसे हमने ही, कोठे पे लिया खिंच ! जिसे सब कहते वैश्या! क्यूंकि कर दिया लाडली की हत्या!! सपनों को तोड़ - लज्जा को दिया खोल! तन-मन बोटी-बोटी सब लिया नोच... पर क्यूँ? ना जाना हमने उसकी तपन! फिर भी नयी रोशनी के लिए करती रही है जतन ! की होगी नयी सुबह आज़ादी को! मैं पूजता हूँ, हर हाड़-मांस को! मैं पूजता हूं, हर खर - पतवार को!! ©Prabodh Raj #womenequality #empowerment #prostitute #human #culprit #society #nojoto #thinkforchange #ShiningInDark