बेहिसाब बातें मेरी बेहिसाब हंसी है कोई रोकता नहीं कोई टोकता नहीं मैं हक से सिंगल हूं रातों को भी सोती हूं दिन में भी सोती हूं मैं जो जो मन करता है वही करती हूं मैं हक से सिंगल हूं ना किसी को बडा ना किसी को छोटा सबको प्यारा इंसान समझती है लोगों के दिलों में ना सही पर घरों में रहती हूं मैं हक से सिंगल हूं मैं हक से सिंगल हूं...