The story is, दिल की चीखे सुने नहीं, इस लिए हम शांत रहे तुम सच बोल कर थप्पड़ मार देते तुम तो जूठ बोल कर गले लगाते रहे हर बात को सच समझा मेने तुम्हारी तुम जूठ बोल कर मेरा दिल बहलाते रहे मै रूठी भी तू हु, तुम्हारी गलतियों पर और तुम मुझे ही कुसूरवार ठहराते रहे तुम ने मुंह मोड़ लिया उस शाम अपनी बातो से जिन बातो को मै सच समझती और तुम अपना जूठ सुनाते रहे मै तो बहुत कुछ समझती थी तुमको और तुम इसे बस, महज एक गलती बताते रहे तुम सच बोल कर थप्पड़ मार देते तुम तो जूठ बोल कर गले लगाते रहे...!!