zindagi सवालों के घिराव में ..... जवाबों के आभाव में ...... मैं ज़िन्दगी जिये जा रहा हूँ ..... यूँ तो बहुत हैं कांटें क़दमों तले..... मगर उम्मीद में मंज़िल की ..... मैं क़दम बढ़ाये जा रहा हूँ ..... गिरता हूँ उठता हूँ .....