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कविता में तुम छंद में  हो  तुम जीवन के प्रति द्वन

कविता में तुम  छंद में  हो  तुम
जीवन के प्रति द्वन्द में  हो तुम ,
रक्षा कवच  कुत्सित दृस्टि  का  
चक्षु  समाहित  अंजन  तुम हो
मेरे   तन   के   रोम  रोम  का
हर   एक    स्पंदन    तुम   हो
 ♥️ Challenge-901 #collabwithकोराकाग़ज़

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कविता में तुम  छंद में  हो  तुम
जीवन के प्रति द्वन्द में  हो तुम ,
रक्षा कवच  कुत्सित दृस्टि  का  
चक्षु  समाहित  अंजन  तुम हो
मेरे   तन   के   रोम  रोम  का
हर   एक    स्पंदन    तुम   हो
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aloksaxena5479

Alok Saxena

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