हमेशा से ही मुश्किलों से भागा हुँ मैं, पीछा फिर भी ना छुड़ा सका, कितना अभागा हुँ मैं। मैं जानता हुँ कितने ऐब हैं मुझमें, ना जाने क्यों, लोगों को मासूम सा लागा हुँ मैं। आँखें खुली थी, पर सो रहा था मैं, आँखें बंद की तो नींद से जागा हुँ मैं। ज़िंदगी ने कईं दफ़े कैद करना चाहा मुट्ठी में, हर दफ़े फिसल गया, जैसे रेशम सा धागा हुँ मैं। #मुश्किल #अभागा #धागा #रेशम #मुट्ठी #yqdidi #bestyqhindiquotes #ifyoulikeitthenletmeknow