फिर से उमड़ा है ये बादल, महाभारत के लड़ाई का। हर घर मे कौरव बैठा है,दुश्मन ही अपने भाई का। संस्कार हीन होकर मानव, काम करता कसाई का। दौलत छीना, इज्ज़त छीना, तोड़ा रिश्ता सगाई का। जला रहा हैआज भी घर,दुर्योधन ,पाण्डव भाई का। कौरवों का नाश करें, जरूरत है ऐसे अर्जून धनुर्धारी का #TempleTerrorAttack