ढलने लगा दिन शाम होने लगी,हमारी तन्हाई जैसे उसीके नाम होने लगी । पंछी जाने लगे सफर को छोड़कर,अपनो की तलाश में मंजिल से मुँह मोड़कर। आसमान का रंग लाल होने लगा,जैसे कोई जादु कोई कमाल होने लगा। खाली पड़े घोंसले पंछियों से भरने लगे,खाली पड़े रास्तो से फिर मुसाफिर गुजरने लगे। नशा था, तन्हाई थी,तो कुछ उसकी यादे थी,कुछ अनकही बातें तो कुछ अनचाही मुलाकाते थी। मेरे इश्क की बातें मेरी आंखो से सरेआम होने लगी,मेरी हर कोशिश उसको छुपाने की नाकाम होने लगी,हमारे इश्क की दास्तां जमाने में बदनाम होने लगी।...ढल गया दिन...। #शाम #yadein #nojoto#nojotoapp#nojotohindi #nojotopoem #nojotoshayri