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भावार्थ वाल्मीकि जी, नारद जी और अगस्त्य जी ने अपने

भावार्थ
वाल्मीकि जी, नारद जी और अगस्त्य जी ने अपने-अपने
मुखों से अपनी होनी (जीवन का वृत्तांत) कही है।
जल में रहने वाले, जमीन पर चलने वाले और आकाश में
विचरने वाले नाना प्रकार के जड़-चेतन
जितने जीव इस जगत में हैं॥2॥ #yqbaba #saiankur #yqdidi #dailyramkatha #yqtales #yqquotes #yqhindi #yqdada
भावार्थ
वाल्मीकि जी, नारद जी और अगस्त्य जी ने अपने-अपने
मुखों से अपनी होनी (जीवन का वृत्तांत) कही है।
जल में रहने वाले, जमीन पर चलने वाले और आकाश में
विचरने वाले नाना प्रकार के जड़-चेतन
जितने जीव इस जगत में हैं॥2॥ #yqbaba #saiankur #yqdidi #dailyramkatha #yqtales #yqquotes #yqhindi #yqdada