मैंने उंगली क्या उठाया सरे आम ये सवाल हो गया, समाज का रूप रेखा जाने कैसा बवाल हो गया, है मौला तेरे रहते ये कैसा कमाल हो गया, जो ठीक से इंसान ना बना वो भगवान हो गया। यहां हजारों खुदा है मैं किसकी इबादत करूं, जो ना है पसंद उसकी किस से क्या शिकायत करूं, यहां तो हर पर्दों पर नया कमाल हो गया, जिसको उदारता ना आईं वो भगवान हो गया। यहां हर काम के लिए एक नया ईश हो जाता है, एक को मानो तो दूजे को खीज़ हो जाता है, व्रतों और तीजों का मौजी कमाल हो गया, जिसको समझ ही ना आया वो भगवान हो गया। यहां तो सबका बस एक ही खुदा दिखता है, जेबों में बंद मेरा क्या सबका ईमान बिकता है, सोच में लोगों के साथ नया कमाल हो गया, जिसको संवेदना की समझ नहीं वो भगवान हो गया। दुनिया हैरत से भरी हुई है। यहाँ रोज़ कुछ न कुछ ऐसा होता ही रहता है जो मन को चकित कर दे। एक लेखक से बेहतर यह बात कौन जानता है। अपने साथ या अन्य कहीं होने वाली आश्चर्यजनक घटना को कलमबद्ध करें। #कमालहोगया #collab करें #yqdidi के साथ। #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi