पाया तो ज़िन्दगी से बहुत कुछ है बस डर है किसी के खोने का, पीछे छोड़ा तो बहुत कुछ है बस डर है किसी के छूटने का। खुद तो काफी मायूस हुआ है बस डर है किसी और की मायूसी का, मुसकुरा लिया है ज़िन्दगी में बहुत बस मकसत है दूसरो के मुस्कुराने का। राज़ तो काफी कैद है इस दिल में बस डर है इंके बहार आने का, सुलझाये तो बहुत से धागे है अब वक्त है रिश्ते निभाने का । मोहब्बत भी की है दिल से अब वक्त है दोस्ती निभाने का भाग दौड़ कर ली बहुत इस ज़िन्दगी में बस इंतज़ार है चैन से सोने का। मुझे डर है । #CocktailKavita #PoetryVibes For more follow us on Instagram @CocktailKavita🍸✍️