तू ही प्रारंभ , तू ही अंत तू ही सूक्ष्म , तू ही अनंत तू ही जल में , तू ही थल है शाम में तू है , रात में तू है दिन में तू , हर बात में तू है पत्थर में तू है , मूरत में तू है हर अक्श है तेरा , हर अक्श में तू है विश्व विधायक , तू ही विनायक तू ही...... तू ही हर दृष्टि में तू है , इस सृष्टि में तू है देवा जिधर भी देखूं बस तू ही तू है जय श्री गणेश