सामाजिक विकास:_ कविता समाज की परिभाषा कहाँ जाने अब लोग यहाँ निज मह्त्व और स्वार्थ की तो सब बातें है यहाँ कहने को सब एक है, बन बैठा संगठन है यहाँ जो बात अपने पर आई खुली गई पोल है यहाँ निज विकास है, नहीं समाज का विकास यहाँ सबको एक साथ लेकर के चलना है अब कहाँ निज स्वार्थ की बलि चढ़ाकर सबकी सोचे यहाँ सबका विकास, समाज का विकास सोचे यहाँ #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #kkpc23 #samajh