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ख़ैर अपनी शादी का बुलावा देना मैं आउंगा जरूर एक ही

ख़ैर अपनी शादी का बुलावा देना मैं आउंगा जरूर
एक ही निवाला सही पर खाउंगा जरूर
आखिर कब तक आंसुओं से पेट भरता रहुंगा
ऐसे कब तक तुझे याद करता रहुंगा
उस दिन सबके सर पे सेहरा देखुँगा मै
पुरी रात रूक कर सातों फेरे देखुँगा मै
वो सात वचन जब लोगी तुम , ईश्वर की कसम जब लोगी तुम 
तुम्हारी आंखों में शरम देखनी है मुझे 
उस आग की लपटें भी चींख उठे अग्नि इतनी गरम देखनी है मुझे
उस दिन के बाद हर रात में नाचूँगा मैं
जिस दिन तुम्हारी बारात में नाचूँगा मैं

कोई पुछेगा रुखसती के वक्त तुम्हारी आंखों में आंसू क्यों नहीं
मैं कैह  दुंगा मेरे मैहबूब की शादी है मैं नाचूँ क्यों नहीं

©Ashish Ranjan #urdupoetry #hindipoetry #shaayri #theguywhowrites
ख़ैर अपनी शादी का बुलावा देना मैं आउंगा जरूर
एक ही निवाला सही पर खाउंगा जरूर
आखिर कब तक आंसुओं से पेट भरता रहुंगा
ऐसे कब तक तुझे याद करता रहुंगा
उस दिन सबके सर पे सेहरा देखुँगा मै
पुरी रात रूक कर सातों फेरे देखुँगा मै
वो सात वचन जब लोगी तुम , ईश्वर की कसम जब लोगी तुम 
तुम्हारी आंखों में शरम देखनी है मुझे 
उस आग की लपटें भी चींख उठे अग्नि इतनी गरम देखनी है मुझे
उस दिन के बाद हर रात में नाचूँगा मैं
जिस दिन तुम्हारी बारात में नाचूँगा मैं

कोई पुछेगा रुखसती के वक्त तुम्हारी आंखों में आंसू क्यों नहीं
मैं कैह  दुंगा मेरे मैहबूब की शादी है मैं नाचूँ क्यों नहीं

©Ashish Ranjan #urdupoetry #hindipoetry #shaayri #theguywhowrites