इक शाम सुहानी सी थी वो लड़की अनजानी सी थी देख कर उसको दिल ठहर सा गया वो थोड़ी पागल दीवानी सी थी आंखे उसकी झील सी नीली होठ थे उसके गुलाबी जामुन से रसीले बाते करती मुसुकरा रही थी वो लड़की अनजानी सी धीरे धीरे मेरा दिल चुरा रही थी अकेला... #अनजानी लड़की #dawn